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विनयपिटक – पाराजिकपाळि Pali Script -1

१. त समयेन बुद्धो भगवा वेरञ्‍जायं विहरति नळेरुपचिमन्दमूले महता भिक्खुसङ्घेन सद्धिं पञ्‍चमत्तेहि भिक्खुसतेहि। उस समय, बुद्ध भगवान वेरञ्जा नगर में नलेरु वृक्ष के नीचे, पांच सौ भिक्षुओं के बड़े संघ के साथ निवास कर रहे थे। यह स्थान एक प्राकृतिक दृश्य था, जो ध्यान और साधना के लिए एक आदर्श स्थान था। वेरञ्जा का यह […]

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विनयपिटक

क्या आपने कभी सोचा है कि बौद्ध धर्म के मूल ग्रंथों का गहन अध्ययन कैसे किया जाए? 🤔 क्या आप जानते हैं कि विनयपिटक और पाराजिकपाळि जैसे प्राचीन ग्रंथ आज भी हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर सकते हैं? यदि आप इन प्रश्नों से जुड़े हुए हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं! आज

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त्रिपिटक: बौद्ध धर्म का प्राचीन धर्मग्रंथ

परिचय त्रिपिटक: बौद्ध धर्म का प्राचीन धर्मग्रंथ है, जो बौद्ध धर्म की शिक्षाओं और अनुशासन का विस्तार से वर्णन करता है। इसे बौद्ध धम्म के तीन “पिटकों” में विभाजित किया गया है, जिन्हें विनय पिटक, सुत्त पिटक और अभिधम्म पिटक कहा जाता है। इस लेख में हम त्रिपिटक के विभिन्न पहलुओं को जानेंगे और समझेंगे

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