Vinay Pitak Khand 7: बुद्ध का जीगुच्छी दर्शन - दुष्कर्मों से घृणा

विनय पिटक खंड 7 में बुद्ध का जीगुच्छी दर्शन: शरीर, वाणी और मन के दुष्कर्मों से घृणा का संदेश। पालि ग्रंथ का हिंदी अनुवाद और नैतिक शुद्धता का गहरा अर्थ जानें।

TRIPITAKAVINAY-PITAKA

Niranj Polara

7/6/20251 मिनट पढ़ें